पीरियड में होने वाले दर्द को कैसे कम करें?
जब शरीर में कोई प्रक्रिया हो रही है तो उसका असर आपको महसूस होगा ही और जब कोई प्रक्रिया पीरियड के समान गंभीर है तो अहसास और भी ज्यादा होना लाजिमी है। ये आपके पेट में गर्भाशय से आतंरिक परत झड़ने का समय है। इस प्रक्रिया के कारण आपको अधिक पसीना, चक्कर से लगना, कमजोरी लगना, किसी काम की इच्छा न होना, ब्रेस्ट में बदलाव लगना, मूड बदलना और पीठ या पेट में तेज दर्द भी झेलना पड़ता है।
पीरियड्स के दौरान खून की कमी की वजह से शरीर में आयरन की मात्रा कम हो सकती है। जिससे सुस्ती महसूस होती है। आप इस समस्या से राहत पाने के लिए हरी सब्जियां खा सकती हैं। हरी पत्तेदार साग, पालक आदि का सेवन कर सकती हैं।
हर्बल टी का सेवन करें: पीरियड पेन को दूर करने के लिए हर्बल टी का सेवन बेहद असरदार है। आप दर्द को दूर करने के लिए सौंफ और अदरक की चाय पी सकते हैं। सौंफ और अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंटीस्पास्मोडिक यौगिक होते हैं जो गर्भाशय में मांसपेशियों की ऐंठन को दूर करने में मदद करते हैं।
हल्की एक्सरसाइज करें:
पीरियड के दौरान हल्की एक्सरसाइज दर्द से छुटकारा पाने में असरदार है। एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों में होने वाले दर्द और तनाव से मुक्ति मिलती है।
अजवाइन का उपयोग
अक्सर पीरियड्स के दौरान महिलाओं में गैस्ट्रिक की समस्या बढ़ जाती है जिसकी वजह से भी पेट में तेज दर्द होता है। अजवाइन का सेवन इससे निपटने में बेहद कारगर है। आधा चम्मच अज्वाइन और आधा चम्मच नमक को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है। इसके अलावा, पीरियड्स के दिनों में अज्वाइन को चुकंदर, गाजर और खीरे के साथ जूस बनाकर पीने से भी दर्द नहीं होता।
अदरक का सेवन
पीरियड्स में दर्द के दौरान अदरक का सेवन भी तुरंत राहत पहुंचाता है। एक कप पानी में अदरक के टुकड़े को बारीक काटकर उबाल लें। चाहें तो इसमें स्वादानुसार शक्कर भी मिलाएं। दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करें।
हीटिंग पैड का इस्तेमाल करना
पीरियड्स में हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल गर्भाशय की मांसपेशियों में ऐंठन से राहत दिलाती हैं. मासिक धर्म के दौरान पीठ दर्द से लड़ने के लिए हीट पैड को पीठ के निचले हिस्से में रखा जा सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार गर्म पानी से स्नान करना या गर्म तरल पदार्थों का सेवन भी पीरियड्स के दौरान आराम देता है.
नारियल या तिल के तेल से मालिश करें
आयुर्वेद के अनुसार नारियल या तिल के तेल में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण और लिनोलिक एसिड पाया जाता है. पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में नारियल या तिल के तेल से मालिश करने से मांसपेशियों की एंठन कम होती हैं जिससे दर्द में राहत मिलती है.
डेयरी उत्पाद
दूध और दूध के बने उत्पाद का सेवन महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। जिन महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है उन्हें मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं अधिक होती हैं। ऐसे में न सिर्फ पीरियड्स बल्कि हमेशा दूध व डेयरी उत्पाद का सेवन महलिओं के बहुत जरूरी है क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
तुलसी का उपयोग
तुलसी एक बेहतरीन नैचुरल पेन किलर है जिसे पीरियड्स के दर्द में बेझिझक ले सकते हैं। इसमें मौजूद कैफीक एसिड दर्द में आराम पहुंचाता है। ऐसे में दर्द के समय तुलसी के पत्ते को चाय में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है। अधिक परेशानी हो तो आधा कप पानी में तुलसी के 7-8 पत्ते डालकर उबालें और छानकर उसका सेवन करें।

अपने इस दर्द को कैसे और कम कर सकते हैं क्योंकि उन दिनों में मुझसे कोई काम नहीं होता इतनी बेचैनी और दर्द होता है कि मैं अपने आप को हिला भी नहीं पाती। आपकी आपके द्वारा दिए हुए यह उपाय में जरूर ट्राई करूंगी
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