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एक भयंकर असहनीय दर्द: सर्वाइकल पेन

इन दिनों कई ऐसी बीमारियाँ हैं जो कुछ साल पहले तक किसी बीमारी की श्रेणी में गिनी ही नहीं जाती थी, जो अब बड़ी तकलीफ बनकर खड़ी हो जाती हैं, जी हां जॉइंट पेन, बैक पेन, सर्वाइकल पेन जैसी शरीरिक समस्या ऐसी दर्दनाक होती हैं, जिसे देखने वाला समझ नहीं पाता और झेलने वाला इसके दर्द को बयान नहीं कर पाता। ये समस्याएं आम तो है पर सिर्फ उनके लिए जिनसे अब तक इसका पाला नहीं पड़ा पर जो इस दर्द के साथ जीते हैं उनके लिए हर एक पल काटना भारी हो जाता है यह समस्या हड्डियों से जुड़ी है, जिसके होने पर कंधों, गर्दन आदि में गंभीर दर्द होता है जिसे हम सर्वाइकल का दर्द कहते हैं। यह समस्या किसी को भी हो सकती है आज के दौर में अनियमित दिनचर्या के कारण लगभग हर तीसरे व्यक्ति को सर्वाइकल की समस्या हैं घंटों बैठे रहना, खराब मुद्रा, झुक कर बैठना और कई अन्य गलत आदतों की वजह से इस परेशानी का सामना लोगों को करना पड़ता है पर हमें अपनी आदतों या इससे बचने के उपाय नहीं मालूम होते इसलिए हम सभी को सर्वाइकल  की वजह, लक्षण और इसके आसान घरेलू उपचार की जानकारी होनी चाहिए 
कारण -
जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, रीढ़ की हड्डी और गर्दन को बनाने वाली संरचनाएं धीरे-धीरे घिसने लगती है
 डिस्क रीढ़ की हड्डी के कशेरुकाओं के बीच कुशन की तरह काम करती है 40 वर्ष की आयु तक, अधिकांश लोगों की रीढ़ की हड्डी की डिस्क सूखने और सिकुड़ने लगती है और डिस्क छोटी होती जाती है डिस्क के बाहरी हिस्से में भी दरारें दिखाई देती हैं। डिस्क का नरम आंतरिक भाग इन दरारों से निकल सकता है। कभी-कभी, यह रीढ़ की हड्डी और तंत्रिका जड़ों पर दबाव डालता है जैसे ही डिस्क टूटती है, रीढ़ को मजबूत करने के गलत प्रयास में शरीर अतिरिक्त मात्रा में हड्डी का उत्पादन कर सकता है ये हड्डी के स्पर्स कभी-कभी रीढ़ की हड्डी और तंत्रिका जड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कठोर स्नायुबंधन. स्नायुबंधन ऊतक की डोरियाँ हैं जो हड्डी को हड्डी से जोड़ती हैं उम्र के साथ रीढ़ की हड्डी के स्नायुबंधन सख्त हो सकते हैं, जिससे गर्दन कम लचीली हो जाती है।

 लक्षण-
सर्वाइकल पेन के लक्षण आरंभ में ही दिखाई देने लगते हैं,  आपके शरीर में भी यह लक्षण दिख रहे हैं, तो आप फौरन डॉक्टर से संपर्क करें यदि हाथ और पैरों में सूजन या किसी प्रकार की कमज़ोरी महसूस हो रही है तो यह सर्वाइकल के लक्षण हो सकते हैं सूजन के साथ हाथ-पैरों में कमज़ोरी आने से व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है।अगर आपको सामान्य तौर पर चलते-फिरते हुए गर्दन में किसी प्रकारके दर्द का अहसास बार-बार होता है, तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है अगर गर्दन या हाथ-पैरों की मांसपेशियों में किसी प्रकार की ऐंठन आती है और बैचेनी महसूस होती है तो यह भी सर्वाइकल हो सकता है अगर आंतों की कार्यप्रणाली में किसी प्रकार का कोई बदलाव आया है तो यह बदलाव लंबे समय से हो रहा है  यह भी सर्वाइकल हो सकता है, इस बात का ध्यान रखें।
 
घरेलू उपाय -
अक्सर मुलायम ऊंचे गद्दे और तकिए पर हम सोना पसंद करते हैं पर यह सर्वाइकल पेन का कारण हो सकता है इसलिए सख्त गद्दे का ही हमेशा प्रयोग करें  ऊंची तकिया से दुश्मनी कर लें तो बेहतर है अपना सिर जमीन के तल पर रखकर सोने की आदत डाल लें या ज्यादा से ज्यादा पीठ को 15 डिग्री तक मोड़ने वाले तकिये का प्रयोग करें पेट के बल ना सोएँ ये गर्दन को फैलाता है पीठ के बल या करवट लेकर सोएँ इससे आपको दर्द से राहत मिलेगी और जिन्हें नहीं है वह बचे रहेंगे।

 अच्छी दिनचर्या आपके लिए चीजें आसान कर सकती हैं, इसलिए अपनी दिनचर्या में शारीरिक व्यायाम और सही भोजन को शामिल करें और अगर आप मेहनत वाला काम करते हों तो बिना लापरवाही किए अपने शरीर को भरपुर आराम दें शरीर को कुछ छोटे छोटे एक्सरसाइज के साथ आप अपने दर्द के प्रभावित हिस्सों को आराम दे सकते है इनमे कुछ स्ट्रेच एक्सरसाइज भी शामिल है। स्ट्रेच एक्सरसाइज करने से शरीर एवं गर्दन की मास पेशियां खुल जाती है और सर्वाइकल पेन से राहत मिलने लगेंगी 
 दर्द कम करने के लिए गर्दन पर ठंडा या गर्म पदार्थ लेकर सिंकाई करें किसी एक से ही करते रहने के मुकाबले बारी-बारी से गर्म और ठन्डे का प्रयोग करना फायदेमंद होगा मसाज करवाना तो वैसे भी कई लोगों को पसंद है और यह तुरन्त रिलीफ पहुंचाता है पर सिर्फ बॉडी पेन में ही नहीं बल्कि सर्वाइकल पेन के दर्द से राहत के लिए आप मसाज का सहारा भी ले सकते है।



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