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सरदर्द (माइग्रेन)को हल्के में लिया तो पछताएंगे।

माइग्रेन क्या है 
माइग्रेन एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिसमें सिरदर्द के अलावा, आपको एक या अधिक अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे मतली , उल्टी या प्रकाश या शोर के प्रति संवेदनशील महसूस करना। दर्द आमतौर पर आपके सिर के एक तरफ होता है और घंटों या दिनों रहता है कुछ लोगों को माइग्रेन के हमले से पहले या उसके दौरान अन्य लक्षणों का अनुभव होता है, उदाहरण के लिए दृश्य आभा या उनकी दृष्टि में परिवर्तन। दृश्य आभा में प्रकाश की चमक, अंधे धब्बे, या 'ज़िग ज़ैग' पैटर्न देखना शामिल हो सकता है। दूसरों को बोलने में समस्या होगी, या उनकी बांहों और पैरों में 'सुइयां और झुनझुनी' (एक सुन्न, झुनझुनी महसूस होना) महसूस होगी।

माइग्रेन के कारण
इमोशनल स्ट्रेस माइग्रेन को सबसे अधिक ट्रिगर करता है। किसी एक टाइम का भोजन स्किप करने पर भी यह हो सकता है।
किसी खाद्य पदार्थ के प्रति एलर्जी और खाद्य पदार्थ में मौजूद केमिकल भी इसके प्रति संवेदनशील बनाते हैं।
कैफीन, हार्मोनल चेंज, पेनकिलर का लगातार प्रयोग, अत्यधिक लाईट भी इसके होने की वजह बनते हैं।
माइग्रेन का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, हालांकि यह माना जाता है कि यह मस्तिष्क में रसायन, नाड़ियों और रक्त कोशिकाओं में अल्पकालिक परिवर्तनों के कारण होता है।
माइग्रेन का अनुभव करने वालों में से लगभग आधे व्यक्तियों का कोई निकट रिश्तेदार इससे ग्रसित होता है, जिससे वंशाणुओं को कारक होना माना जाता है।

कुछ व्यक्तियो में माइग्रेन के दौरे इन कारणों से भी होते है। जैसे :-
माहवारी का आरम्भ होना
मानसिक तनाव
थकावट
कुछ विशिष्ट आहार अथवा पेयजल

माइग्रेन के लक्षण
माइग्रेन बच्चों, किशोरों के साथ-साथ बड़ों को भी प्रभावित करता है। इसका दर्द चार चरणों से होकर बढ़ सकता है- प्रोड्रोम, ऑरा, अटैक और पोस्ट-ड्रोम। जरूरी नहीं है कि माइग्रेन से पीड़ित हर व्यक्ति को सभी चरणों से गुज़रना ही पड़े।

1 शुरुआती दौर में माइग्रेन से एक या दो दिन पहले कब्ज़, मूड में बदलाव, अवसाद, अत्यधिक उत्साहित होना, खूब भोजन करने की इच्छा या भूख नहीं लगना, गर्दन में अकड़न, बार बार यूरीन पास होना, बार-बार उबासी आना भी लक्षण हो सकते हैं।

2 कुछ लोगों में माइग्रेन से पहले या उसके दौरान औरा बनने का आभास होता है। यह नर्वस सिस्टम के प्रभावित होने के कारण होता है।

3 इसके कारण आकृति, चमकीले धब्बे या प्रकाश जैसा चमकना दिख सकता है। इसके कारण धुंधला दिखाई दे सकता है। प्रत्येक लक्षण धीरे-धीरे शुरू होकर 1 घंटे तक रह सकता है।

4 हाथ या पैर में पिन और सुइयों की अनुभूति, चेहरे या शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता, बोलने में कठिनाई, एग्रेसिव हो जाना आदि लक्षण भी दिख सकते हैं।

माइग्रेन का उपचार
माइग्रेन का कोई उपचार नहीं है, परन्तु लक्षणों को कम करने में सहायक कई उपचार उपलब्ध हैं :

1. दर्द-निवारक औषधियाँ - जिनमें पैरासिटामोल और इबुप्रोफेन जैसी बिना नुस्खे वाली औषधियाँ सम्मिलित हैं

2. ट्रिपटाँस - औषधियाँ जो मस्तिष्क में माइग्रेन उत्पन्न करने वाले परिवर्तनों को उलटनें में सहायक हो सकें

3. एंटी-एमेटिक्स - औषधियाँ जो अक्सर मिचली और उल्टी कम करन के लिये दी जाती हैं

4. यदि आपको माइग्रेन है या परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें।

5. आपकी मेडिकल हिस्ट्री, लक्षणों और शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट के आधार पर माइग्रेन का निदान करेंगे।

6. गंभीर मामलों में एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन भी कराई जा सकती है।

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