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कच्ची हल्दी के उपयोग के फायदे

कच्ची हल्दी के फायदे 
 हल्दी का सेवन करना हर तरह से सेहत के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि, आजकल लोग मार्केट में मिलने वाले हल्दी पाउडर का इस्तेमाल अधिक करते हैं, लेकिन इससे कहीं हेल्दी होती है कच्ची हल्दी। जी हां, कच्ची हल्दी (Raw Turmeric) दिखने में बिल्कुल अदरक की तरह होती है, लेकिन जब आप इसे काटते हैं, तो अंदर से इसका रंग पीला होता है। आज भी गांवों, छोटे शहरों में कच्ची हल्दी को पीसकर सब्जी, दाल आदि में डाला जाता है। कच्ची हल्दी एक बेहद ही हेल्दी हर्ब (Herb) है। चोट, घावों, सूजन, इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि को दूर करने में कच्ची हल्दी बेहद फ़ायदेमंद होती है। कच्ची हल्दी को दूध में उबालकर पीने से सर्दी-जुकाम, खांसी, इंफेक्शन आदि दूर होने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का बेहद ही आसान घरेलू उपाय है। सूखी हल्दी की तुलना में कच्ची हल्दी कई गुणों और फायदों से भरपूर होती है। खासकर, सर्दियों के मौसम में होने वाली शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए कच्ची हल्दी का सेवन जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कच्ची हल्दी के अन्य और भी लाभ क्या हैं।

1. सर्दियों का मौसम आते ही लोग खांसी, सर्दी-जुकाम, गले में खराश, बुखार आदि से परेशान रहने लगते हैं। बेहतर है कि आप सर्दियों के दस्तक देते ही डाइट में कच्ची हल्दी शामिल करना शुरू कर दें। रात में दूध में कच्ची हल्दी उबालकर पिएं। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस में भी आराम मिल सकता है गले में खराश है, तो इसे पानी में उबालें। इसे छानकर गुनगुना पिएं।यह सूखी खांसी को भी ठीक करने में बेहद कारगर है।

2. जोड़ों का दर्द अक्सर बहुत से लोगों को परेशान करता है। ऐसे में इस समस्या में हल्दी का सेवन (turmeric benefits) फायदेमंद होता है दरअसल, करक्यूमिन एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है और इसलिए ये पुरानी सूजन और जोड़ों के दर्द में असरदार तरीके से काम करती है। इसलिए गठिया जैसी स्थितियों के इलाज में भी हल्दी बहुत ही फायदेमंद है।

3. कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व कैंसर कोशिकाओं को शरीर में बढ़ने से रोक सकते हैं, क्योंकि इसमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं। पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकती है कच्ची हल्दी। ऐसे में हर किसी को कच्ची हल्दी का सेवन अवश्य करना चाहिएं।

4. कच्ची हल्दी का सेवन डायबिटीज के लिए भी लाभदायक होता है। यह इंसुलिन लेवल को कंट्रोल कर सकती है। एक शोध के अनुसार, करक्यूमिन ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कम करने वाला होता है। इंसुलिन लेवल को भी सुधारता है। यदि आपको डायबिटीज है।

5. यदि आपको पेट या पाचन संबंधित कोई समस्या रहती है, तो कच्ची हल्दी का सेवन करना सही होगा। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पाचन समस्याओं को ठीक करती है। अपच, गैस, डायरिया आदि से परेशान हैं, तो कच्ची हल्दी को पानी में उबालकर पिएं। करक्यूमिन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण के कारण पाचन संबंधित समस्याएं दूर हो सकती हैं। यदि आपको पेट का अल्सर है, तो करक्यूमिन सूजन, दर्द कम कर देता है। कच्ची हल्दी के सेवन से अल्सर के कारण नुकसानदायक बैक्टीरिया नहीं पैदा होते हैं।

6. यदि आपको अर्थराइटिस की समस्या है या जोड़ों में दर्द की समस्या से रहते हैं परेशान, तो कच्ची हल्दी आपके लिए फायदेमंद  है। एक शोध के अनुसार, हल्दी का सत अर्थराइटिस के लक्षणों जैसे दर्द, सूजन आदि को कम कर सकता है। जिस जगह आपको दर्द या सूजन हो, वहां हल्दी का लेप लगाएं इससे आपको बहुत जल्द आराम मिलेगा।

7. कच्ची हल्दी में सबसे ज्यादा एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल तत्व मौजूद होते हैं। ये तीनों ही तत्व शरीर को कई रोगों से बचाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही कच्ची हल्दी में विटामिन सी, के, पोटैशियम, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस, थियामिन, राइबोफ्लेविन आदि भी मौजूद होते हैं। इन सभी तत्वों की जरूरत शरीर के अंगों को स्वस्थ रहने, सुचारू रूप से कार्य करने के लिए होती है।

8. कच्ची हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपको कोशिका क्षति से बचा सकते हैं। यह रक्तप्रवाह से टॉक्सिन्स को हटाकर प्राकृतिक तौर पर ख़ून को साफ करने का काम करता है।

9. कच्ची हल्दी दर्द, ख़ासतौर पर जोड़ों से संबंधित दर्द पर लगभग तुरंत काम करती है। यह एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरी होती है, जो इसे एक प्राकृतिक दर्द निवारक बनाता है यह दर्द मे बहुत जल्द आराम देती है।

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