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विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग और उनके उपचार

विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अति आवश्यक होता है। इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है और व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने की स्थिति ओस्टीयोमलेशिया कहलाती है।

विटामिन डी हमारे शरीर में सीरम, कैल्शियम और फास्फोरस की सही मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है। यह हमारे शरीर में संक्रमण की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

विटामिन डी की कमी से बाल झड़ने लगते हैं, कलाई और एड़ियां फूलने लगती है , डायबिटीज जैसी बीमारी भी होती है। सोरायसिस, कब्ज और दस्त जैसी दिक्कते भी अधिक आती हैं।

विटामिन डी के सप्लीमेंट्स से ब्लड शुगर और ग्लूकोज कंट्रोल होता है, साथ ही डायबिटीज की परेशानी से छुटकारा मिलता है।

विटामिन डी सही मात्रा में शरीर में हो तो डिप्रेशन दूर करने में मदद करता है यह शरीर में प्रोटीन की मात्रा को नियमित करता है।

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए योद्धा है, यह हमें बीमारियों से बचता है यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है।

विटामिन डी मांसपेशियों और नसों के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह नर्वस सिस्टम और नसों को सही करता है।

अगर सही समय पर और सही मात्रा में विटामिन डी नहीं लिया जाए तो मांसपेशियों में ऐंठन होती है, हड्डियों में दर्द होने लगता है इसकी कमी से शरीर में थकान अधिक महसूस होती है और कई बार बहुत अधिक पसीना आने लगता है।

बच्चों में विटामिन डी की कमी हो जाय तो उन्हें सांस लेने की दिक्कत होने लगती है और हड्डियां कमज़ोर हो जाती  हैं।

https://drive.google.com/file/d/1tjSSvixmyr2bLIAS-RwLUuys9lNqxEEM/view?usp=drivesdk


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