पत्थरचट्टा के उपयोग और उसके लाभ
पत्थरचट्टा एक आयुर्वेदिक पौधा है जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं. इतने गुणों से भरपूर होने की वजह से इसे कई नामों से जाना जाता है. जैसे तौर पर एयर प्लांट, कैथेड्रल बेल्स, लाइफ प्लांट और मैजिक लीफ आदि. आयुर्वेद (ayurved) के अनुसार इसका सदियों से किडनी और मूत्र विकारों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में प्रयोग किया जाता है. यह पथरी के लिए रामबाण है. इसके अलावा यह पेट की सफाई करने और जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी काफी मददगार है. यह बवासीर में भी काफी लाभदायक माना जाता है.पत्थरचट्टा को आयुर्वेद में कई और नामों से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग कई तरह की दवाईयां को बनाने के लिए भी किया जाता है पत्थरचट्टा के पौधे की पत्तियों का स्वाद खट्टा और नमकीन सा होता है।
आइए जानते हैं पथरचट्टा (Patharchatta) के अन्य गुणों के बारे में
जो लोग सिरदर्द से परेशान रहते हैं वे पत्थरचट्टा के माध्यम से अपने इस दर्द को दूर कर सकते हैं। पत्थरचट्टा का बना लेप ना केवल सिर दर्द को कम करता है बल्कि माइग्रेन की समस्या को भी दूर करता है। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा के पत्ते को पीसना होगा और उसका लेप अपने माथे पर लगाना होगा। ऐसा करने से सर दर्द दूर हो जाएगा।
पत्थरचट्टा के पत्तों में खास प्रकार के कंपाउंड पाए जाते हैं, जो घाव के ठीक होने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन, लालिमा व जलना जैसी समस्याओं को भी कम कर देते हैं।
पत्थरचट्टा के कुछ पत्तों को तोड़कर उन्हें पानी से अच्छी तरह से साफ कर लें। फिर सुबह-सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ इनका सेवन करें। ऐसा नियमित करने पर पथरी की समस्या से आराम मिलता है।
किडनी के लिए पत्थरचट्टा को काफी लाभदायक औषधि माना गया है पत्थरचट्टा के पत्तों से प्राप्त होने वाले रस में खास प्रकार के तत्व होते हैं, जो रक्तचाप (blood pressure levels) के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
पत्थरचट्टा के रस में सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से पेट में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
पत्थरचट्टा के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल एजेंट पाए जाते हैं, जो संक्रमण का कारण बनने बैक्टीरिया और फंगस को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।
पत्थरचट्टा के अंदर एंटीवायरस और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो मुंह को साफ रखने के साथ-साथ दांतो के दर्द को भी दूर करने के लिए उपयोगी हैं। बरसों से पत्थरचट्टा का उपयोग दांत के दर्द को दूर करने की पारंपरिक दवाई के रूप में किया जा रहा है।
हाई बीपी के मरीजों के लिए पत्थरचट्टा कई प्रकार से काम कर सकता है। ये आपकी धमनियों को खोलता है यानी कि इसे चौड़ा करता है और इसकी दीवारों को स्वस्थ रखता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और दिल पर इसका प्रेशर नहीं पड़ता। इससे हाई बीपी के मरीजों को राहत मिलती है और बाकी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

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