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बच्चेदानी की गांठ में किए जाने वाले व्यायाम और योग

गलत खानपान और खराब जीवनशैली के चलते महिलाएं कई बीमारियों का शिकार हो जाती हैं। इनमें से एक बीमारी बच्चेदानी में गांठ होना है। बच्चेदानी यानी गर्भाशय महिलाओं के शरीर में एक अहम अंग है। यह गर्भधारण करने और भ्रूण को विकसित करने का काम करता है। ऐसे में, यदि बच्चेदानी में गांठ हो जाए, तो महिलाओं को महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है। दवाइयों के अलावा योग एक ऐसा तरीका है, जो इस समस्या का इलाज कर सकता है। नियमित रूप से कुछ योगासनों का अभ्यास करने से बच्चेदानी में गांठ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है  जो बच्चेदानी में गांठ की समस्या को ठीक करने में मददगार साबित हो सकता हैं।

पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन करने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं. अब एक पैर को घुटनों के पास से हाथों से पकड़ें और पोज को कुछ देर होल्ड करें. इसके बाद दूसरे पैर के साथ भी यही करें. घुटने को आपको अपनी छाती तक लेकर आना है. दोनों पैरों को साथ पकड़कर भी यह योगा की जाती है. 

मलासन 
इस आसन को करने से यूटरस पर दबाव पड़ता है। पेल्विक एरिया में खिंचाव होता है। जिन्हें बच्चेदानी में गांठ हो, वो भी इस आसन को करें  घुटनों के बल बैठ जाएं और प्रणाम की मुद्रा में रहें। फिर अपनी जांघों को धीरे-धीरे फैला लें। एड़ियों को हाथों से पकड़ें और सांस अंदर की ओर लेते हुए पूर्व की अवस्था में लौटें।


पादहस्तासन 
इस आसन को करने के लिए करने के लिए दोनों हाथों को नीचे की ओर रखें और आंखों को सामने रखें, इसके बाद स्वास भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं, भुजाओं को कान से लगाते हुए ऊपर ले जाइए. अब सांस छोड़ते हुए कमर से नीचे की ओर झुकें. ध्यान रखें कमर का ऊपरी हिस्सा ही सीधा रहेना चाहिए सिर्फ कमर को ही मोड़ना है. इस स्थिति में आपको 30 सेकेंड के लिए ही रहना है. 

सुप्तबद्ध कोणासन 
इस आसन को करने से कमर के निचले हिस्सा के दर्द से आराम मिलता है। प्रजनन अंगाें की समस्याएं दूर होती हैं। पेट की चर्बी कम होती है। पेल्विक एरिया में खिंचाव होता है शवासन की मुद्रा में लेटें। घुटनों को भीतर की तरफ मोड़ें। दोनों पैरों को एक साथ ही अंदर की ओर लाएं। हथेलियों को हिप के पास रखकर नीचे की तरफ दबाएं। सांस छोड़ते हुए पेट की निचली मांसपेशियों को भीतर की तरफ खींचें। इससे पेल्विक एरिया स्थिर हो जाएगा।

सेतुबंधासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाइए, अब अपने घुटनों को मोड़ें और तलवों को जमीन पर रखिए. अब अपने दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़िए.फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपनी बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं. इस मुद्रा में कुछ देर तक रुके रहिएं. इसके बाद सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाइए. इसे 4से 5 बार करें.

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