नसों में होने वाली कमजोरी के कारण और उसके निवारण
नसों की कमजोरी के लक्षण, कारण और इससे बचाव
नसों की कमजोरी के लक्षण
चुभन या गुदगुदी की भावना
दर्द ,चिंता या डिप्रेशन
बिमारियों से लड़ने की क्षमता में कमी
सूंघने, देखने, स्वाद चखने, छूने या सुनने की क्षमता में कमी
व्यवहार सम्बन्धी समस्याएं
मांसपेशियों की कमजोरी और थकावट
नसों के कमजोर होने के कारण
नसों में सूजन होना
नर्व सेल्स पर ट्यूमर का विकास
नसों का डैमेज होना
हेल्दी डाइट न लेना
बदलती जीवनशैली
रीढ़ की हड्डी पर दवाब
तनाव और स्ट्रेस
नसों की कमजोरी से बचाव
नसों की कमजोरी से बचने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए व नियमित व्यायाम करना चाहिए शराब व सिगरेट न पीना चाहिए व विषाक्त पदार्थ के सेवन से बचना चाहिए पैरों को चोट लगने से बचाकर रखें।
नसों के कमजोर हो जाने पर इसके इलाज के लिए जाँच करके यह पता लगाया जाता है कि नसों में कमजोरी की वजह क्या है फिर जिस वजह से नसों में कमजोरी आयी हो उसका इलाज किया जाता है।
यदि डायबिटीज (मधुमेह) हो तो अपने पैरों का खास ख्याल रखना चाहिए रोज अपने पैरों को धोकर उसकी जाँच करनी चाहिए व लोशन लगाकर त्वचा को नम रखना चाहिए।
यदि विटामिन बी12 की कमी के कारण नसों में कमजोरी हुयी हो तो विटामिन बी12 की इंजेक्शन या टीके व दवाएँ दी जानी चाहिये यदि किसी दवा के कारण नसें कमजोरी हो तो उस दवा को लेना बंद कर दें।
यदि शुगर (डायबिटीज) के कारण नसों की कमजोरी हो तो इसके लिए डायबिटीज के इलाज के साथ-साथ जीवनशैली में परिवर्तन करना चाहिए जैसे धूम्रपान व शराब का सेवन छोड़ना, एक स्वस्थ वजन बनाए रखना, नियमित व्यायाम करना इत्यादि।

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